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राजस्थान के कोटा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां अब शादी के कार्ड पर केवल मंगल परिणय के शब्द नहीं बल्कि वर-वधू की जन्मतिथि भी छापनी होगी

राजस्थान के कोटा जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब शादी के निमंत्रण पत्रों पर वर और वधू की जन्मतिथि छापना अनिवार्य कर दिया गया है। इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विवाह योग्य आयु से कम उम्र के बच्चों की शादी न हो सके।

राजस्थान के कोटा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां अब शादी के कार्ड पर केवल मंगल परिणय के शब्द नहीं बल्कि वर-वधू की जन्मतिथि भी छापनी होगी

आदेश के मुख्य बिंदु:

  • जन्मतिथि का उल्लेख अनिवार्य: शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की जन्मतिथि स्पष्ट रूप से लिखी जानी चाहिए। इसके लिए जोड़े को अपने जन्म प्रमाण पत्र की प्रति प्रिंटिंग प्रेस को प्रदान करनी होगी 

  • प्रिंटिंग प्रेस की जिम्मेदारी: प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्ड में सही जन्मतिथि छपी हो। उन्हें जन्म प्रमाण पत्र की प्रति अपने पास सुरक्षित रखनी होगी समारोह स्थलों पर जागरूकता: टेंट हाउस, हलवाई, बैंड-बाजा, लाइट डेकोरेशन, मैरेज गार्डन के मालिकों और मैनेजर्स को आदेशित किया गया है कि वे अपने कार्यस्थल पर बड़े अक्षरों में यह सूचना लगाएं: "बाल विवाह अपराध है"।

  • निगरानी दलों का गठन: जिले में विशेष निगरानी दल बनाए गए हैं जो विवाह समारोहों की निगरानी करेंगे और बाल विवाह की आशंका होने पर कार्रवाई करेंगे।

यह पहल राजस्थान सरकार के बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य बाल विवाह की घटनाओं को रोकना और समाज में जागरूकता फैलाना है।


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