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Kisan Andolan: क्या हैं किसानों की मांगें? फिर क्यों शुरू हुआ किसान आंदोलन, दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात परामर्श भी जारी किया है,

 Kisan Andolan:दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात परामर्श भी जारी किया है, जिसमें यात्रियों को दिल्ली के तीन बॉर्डर्स पर वाहनों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों के बारे में सचेत किया गया है. 

Kisan Andolan: क्या हैं किसानों की मांगें? फिर क्यों शुरू हुआ किसान आंदोलन, दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात परामर्श भी जारी किया है,



चंडीगढ़. किसान आंदोलन 2.0 शुरू हो गया है और इसी कड़ी में पंजाब (Punjab) से किसान दिल्ली कूच (Delhi Tractor Rally) के लिए रवाना हुए हैं. ये किसान अमृतसर दिल्ली-नेशनल हाईवे के जरिये हरियाणा में घुसने की तैयारी में हैं. अंबाला में शभुं बॉर्डर (Ambala Shambu Border) पर इसी के चलते कड़ी सुरक्षा की गई है. बॉर्डर को पूरी तरह से सील किया गया है.

              क्या हैं किसानों की मांगें? फिर क्यों शुरू हुआ किसान आंदोलन, दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात परामर्श भी जारी किया है, जिसमें यात्रियों को दिल्ली के तीन बॉर्डर्स पर वाहनों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों के बारे में सचेत किया गया है.

आपको बताने जा रहा है कि किसान क्यों फिर से आंदोलन की राह पर हैं. किसानों की सबसे बड़ी मांग कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है. किसानों की कुल 12 मुख्य मांगें हैं. इन्हीं मांगों को लेकर चंडीगढ़ में सेक्टर 26 में सोमवार शाम को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और किसान नेताओं के साथ मीटिंग होगी.  बात देें कि 13 फरवरी के लिए किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है.


किसानों के 12 डिमांड...........

1.बिजली संशोधन विधेयक 2020 को सरका रद्द करे. 

2.मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन.

3.देश भर में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को फिर से लागू करें, किसानों से लिखित सहमति सुनिश्चित और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा.

4.लखीमपुर खीरी नरसंहार के अपराधियों को सजा और प्रभावित किसानों को न्याय.

5.विश्व व्यापार संगठन से हटें और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध.

6.किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन प्रदान करना.

7.दिल्ली आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी.

8.इसे खेती से जोड़कर प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार और मनरेगा के तहत 700 रुपये की दैनिक मजदूरी प्रदान करना.

9.नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त जुर्माना और बीज की गुणवत्ता में सुधार.

10.किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी योजना लागू की जाए.

11.सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी )की गारंटी का कानून सरकार बनाए..

12.कंपनियों को आदिवासियों की जमीन लूटने से रोककर जल, जंगल और जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित करना.


किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का कहना है कि हमारी मांग नई नहीं

दिल्लू कूच पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम जो कह रहे हैं वह कोई नई मांग नहीं है। वह सरकार द्वारा हमसे की गई प्रतिबद्धता थी। हमने उन प्रतिबद्धताओं की ओर सरकार का ध्यान बार-बार आकर्षित करने की कोशिश की थी। लेकिन सरकार आज तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई। 


किसान आंदोलन के चलते थमी वाहनों की रफ्तार, बॉर्डर पर कई किलोमीटर लम्बा जाम

दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए यातायात परामर्श भी जारी किया है, जिसमें यात्रियों को दिल्ली के तीन बॉर्डर्स पर वाहनों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों के बारे में सचेत किया गया है.

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